महिला SHO की रंगे हाथों पकड़ने पर कर दी थाने में पिटाई :
अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि पुलिस वाले पिटते रहते हैं और बाकी पुलिस वाले तमाशा देखते रहते हैं ऐसा ही मामला होता है एक थाने का थाने में सरकारी आवास बने हुए हैं और सरकारी आवासों के बाहर कुछ लोग हंगामा कर रहे थे हंगामें की सूचना जब अन्य लोगों तक पहुंच जाती है तो लोग अपने अपने घरों से बाहर निकलते हैं और बाहर निकल के देखते क्या हैं कि इसी थाने की जो इंचार्ज होती हैं उनके साथ मारपीट हो रही है तो कुछ लोग वीडियो बना रहे थे
SHO को पिटते देख समझ रहे थे शूटिंग :
अब सोशल मीडिया का जमाना था लोगों को लग रहा था शायद शूटिंग चल रही है लेकिन जब शूटिंग की बात झूठ निकलती है तो पता चलता है कि सचमुच महिला जो इंस्पेक्टर होती हैं वो पिट रही हैं और सिपाही तमाशा देख रहे थे अब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगता है जहां-जहां तक ये सूचना वायरल होती है वहां वहां तक लोगों के दिमाग में क्यूरियोसिटी जाग जाती है कि आखिरकार इस थाने की इंचार्ज पिट क्यों रही थी पीटने वाले कौन थे क्या वो वाकई बहुत बड़े दबंग थे या कुछ और बात थी और पुलिस वाला ऐसा तमाशा क्यों देख रहे थे
आखिर क्यों पीट रहे थे महिला थाने इंचार्ज को :
आज की इस कहानी के माध्यम से यही जानने की समझने की कोशिश करेंगे कि जहां पर जो महिला थाना इंचार्ज है वो पिट रही हैं उस के साथ में एक लड़का और था वो अर्ध नगन अवस्था में था वो भी पिट रहा था बाद में पता चलता है कि इंस्पेक्टर साहब का प्रेमी था और इंस्पेक्टर साहब इसलिए पिट रहे थे तो यह कहानी आगे क्या है यह समझने की कोशिश करते हैं
क्या थी महिला थाना इंचार्ज के पीटने की वजह :
नमस्कार आज की जो सच्ची घटना मैं आपको बताने जा रहा हूं ये सच्ची घटना है उत्तर प्रदेश की दरअसल सिटी आगरा का एक थाना लगता है रकाबगंज बात कर रहा हूं 3 अगस्त 2024 की शाम लगभग 4:00 बजे के आसपास का वाकया है दो महिलाएं थाने पहुंचती हैं और थाने जाने के बाद संतरी से जिसके हाथ में बंदूक होती है जो कि खड़ा हुआ ड्यूटी देता है उससे जाकर पूछती हैं कि भैया क्या यहां पर इंचार्ज साहब मौजूद हैं कि नहीं है इंचार्ज यानी कि इस थाने की इंचार्ज होती हैं शैली नागर जो कि महिला हैं अब शैली नागर के बारे में पूछा जाता है तो संत्री कहता है कि साहब तो आराम कर रहे होंगे
दबंग बुलाए थे पुलिस महिला को पीटने के लिए :
सरकारी आवास पर आप चाहो तो जाकर सरकारी आवास पर देख सकते हो उन दो महिला के पीछे चार या पांच पुरुष भी हैं और वो महिलाएं आगे-आगे हैं वो पुरुष पीछे-पीछे हैं और जैसे ही किसी से रास्ते में पूछा जाता है कि साहब का सरकारी आवास कहां है उनका घर कहां पर है तो किसी ने इशारा किया कि सामने घर है अब जैसे सामने घर की तरफ जाते हैं तो जाकर देखते हैं कि दरवाजा अंदर से बंद था उस दरवाजे को नॉक किया जाता है तो कोई रिस्पांस नहीं आता शायद वो सो रही थी
महिला थाना इंचार्ज मना रही थी रंगरलियां :
लेकिन जो महिला हैं वो इतनी उतावली हो रही थी कम से कम समय में दरवाजा खुल जाना चाहिए तो इसलिए इन दोनों महिलाओं ने उस दरवाजे को जोर-जोर से पीटना शुरू कर दिया जब दरवाजे को पीट रहे थे तो जो पीछे तीन-चार व्यक्ति खड़े हुए हैं उन्हें लगा कि शायद दरवाजा खुलेगा नहीं उन्हीं में से एक ने बहुत तेजी के साथ जो दरवाजे पर लात मारते हैं तो दो या तीन लात के बाद वोह दरवाजा खुल जाता है जैसे दरवाजा खुलता है जो चार छह लोग यहां पर मौजूद हैं उन्हीं लोगों में से दो-तीन के हाथ में मोबाइल लगे हुए थे मोबाइल से वो वीडियो बनाना शुरू कर देते हैं
अर्धनग्न अवस्था में पाए गए थे दोनो :
जैसे ही अंदर जाकर एंट्री की जाती है तो एक आदमी जल्दी-जल्दी कपड़े पहनने की कोशिश कर रहा था उस व्यक्ति को पकड़ा जाता है पकड़कर उसे खींचकर बाहर मैदान में लेके आ जाते हैं जो महिला थी वो भी इधर-उधर छिपने की कोशिश कर रही थी उसको भी पकड़ा जाता है खींच के बाहर ले आते हैं अब जो महिला पुरुष कमरे के अंदर मौजूद थे उन महिला पुरुष में एक इंस्पेक्टर हैं इसी थाने के इंस्पेक्टर जो कि इंचार्ज हैं एसएचओ हैं उनका दूसरी महिला ने हाथ पकड़ा हुआ था और हाथ मरोड़ रखा था
लाते घूंसो से किया था महिला का स्वागत :
साथ ही जो एक और महिला होती है तीसरी महिला वो लगातार एक के बाद एक चांटा मारना शुरू कर देती है जैसे ही वो महिला इंस्पेक्टर को थप्पड़ मार रही थी तमाचे मार रही थी तो उस थप्पड़ की गूंज पूरे थाने में गूंजने लगती है हर किसी के कानों तक आवाज पहुंच रही थी कि शायद किसी के साथ मारपीट हो रही है अब ना केवल उस महिला के साथ मारपीट हो रही थी बल्कि जो कमरे में मौजूद था जिसने बनियान पहना हुआ था उस व्यक्ति के साथ भी मारपीट हो रही थी उसका भी हाथ पकड़ा हुआ था और एक और अन्य व्यक्ति लगातार थप्पड़ पे थप्पड़ रसीद रहा था और इन आवाजों की गूंज जो शोर मच रहा था इन शोरों को सुनने के बाद जो भी सरकारी आवास में लोग रहते हैं वह चाहे सिपाही हो या फिर उनके परिवार के लोग हो सब के सब घर से बाहर निकलते हैं
बीच थाने में SHO की पिटाई देख शूटिंग समझ रहे थे लोग :
और बाहर निकलने के बाद देख रहे थे कि कई सात-आठ पुलिस वाले हैं वो भी मौके पर इस चीज की चश्मदीद होते हैं उनमें से कई पुलिस वाले वीडियो बना रहे थे और कई पुलिस वाले खड़े हुए आराम से देख रहे थे जबकि थाने की इंचार्ज पीटी जा रही थी कुछ लोगों को लग रहा था देखने वालों को जैसे फिल्म की शूटिंग चल रही थी लेकिन वो फिल्म की शूटिंग नहीं थी बल्कि सचमुच अधिकारी पीट रही थी और लोग तमाशा देख रहे थे पुलिस वाले भी तमाशा देख रहे थे पब्लिक के लोग भी अब तमाशा देखना शुरू कर देते हैं देखते देखते हंगामा बढ़ने लगता है हंगामा जब लगातार बढ़ रहा था मार पिटाई खूब ज्यादा होने लगती है तब ये बात उच्च अधिकारियों तक पहुंच जाती है उच्च अधिकारी यानी कि इस इलाके की जो एसीपी होती हैं
क्यों आना पड़ा ASP को शूटिंग रोकने :
सुकन्या शर्मा उन तक बात पहुंचती है और जैसे उन तक खबर पहुंचती है तुरंत मौके पर आती हैं और आने के बाद अपने ही थाने की इंचार्ज को बचाती हैं बचाने के बाद उनको पानी पिलाया जाता है और जो पीट रहे थे उनमें से दो-तीन तो भाग जाते हैं और तीन-चार रह जाते हैं उनको भी पकड़ लिया जाता है क्यों पीट रहे थे यही जानने की कोशिश कर रहे थे जो लड़का है जो अर्ध नगन अवस्था में था क्यों पिट रहा है कौन है वो इसी के बारे में जानकारी अब जुटाने की कोशिश कर रहे थे जो महिला है जो पिट रही थी उस महिला का नाम शैली नागर होता है जो रकाबगंज थाने की इंचार्ज होती हैं एसएचओ होती हैं
आखिर कितनी पावर होती है थाना मालिक की :
थाने की मालिक होती हैं कहते हैं कि इंस्पेक्टर यानी कि थाने के जो इंचार्ज होता है मालिक में तो बहुत बड़ी पावर होती है वो चाहे तो किसी को भी पकड़ के बंद कर सकता है ऐसा बताया जाता है थानेदार अगर कुछ लिख दे तो उसकी कलम को कोई मिटा नहीं सकता इतनी पावर होती है इतना पावरफुल और उसके बाद वो महिला पिट रही थी
कौन था SHO के साथ रंगरलियां मनाने वाला व्यक्ति :
उसके बाद पूछा जाता है यह आदमी कौन है आदमी के बारे में पूछा जाता है तो आदमी बताया जाता है कि वो उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर है जिसका नाम पवन कुमार है लेकिन पवन कुमार यहां क्या कर रहा है जबकि इसकी पोस्टिंग तो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के अंदर विजिलेंस में होती है तभी जो पीटने वाली महिलाएं होती हैं दोनों साथ ही उनके साथ जो आदमी होते हैं उनको पकड़ा जाता है और उनको पकड़ने के बाद उनसे पूछा जाता है कौन है क्या बात है तभी उनमें से एक महिला होती है जिसका नाम गीता नागर होता है गीता नागर जो कि मेरठ की रहने वाली होती है गीता नागर रोते-रोते उच्च अधिकारियों के सामने अपनी एक कहानी बया करती है कहती है कि साहब मेरा नाम गीता नागर है और जो आदमी जिसने बनियान पहना होता है जो लगातार पिट रहा था वो मेरा पति है
लंबे समय से चल रहा था चक्कर:
जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर है विजिलेंस में इसकी पोस्टिंग होती है वो कह रहा था कि अभी जुलाई के महीने में ही उसकी पोस्टिंग विजिलेंस में हो जाती है और विजिलेंस में पोस्टिंग होने से खुश नहीं था इसलिए वह घर से यह कहकर चला था कि मैं लखनऊ और इलाहाबाद रहूंगा वहां से अपना जो तबादला है उसे कराने की कोशिश करूंगा और एक अच्छे जगह पर पोस्टिंग कराने की कोशिश करूंगा इसलिए मेडिकल लीव ले ले रहा हूं और तुम अपना यहां पर ख्याल रखना उसके जो पति की अलग-अलग जिलों में पोस्टिंग होती है वो मेरठ भी रहा था गाजियाबाद भी रहा था साथ ही नोएडा भी रहा था मुजफ्फरनगर में तो हाल ही में पोस्टिंग होई जाती है लेकिन जो महिला इंस्पेक्टर होती है जो उसी थाने की इंस्पेक्टर होती है उससे क्या दुश्मनी है उसके बारे में पूछा जाता है तो बताती हैं कि नोएडा के अंदर यह महिला की पोस्टिंग होती है जो महिला इंस्पेक्टर होती है और उसके पति की भी वहां पोस्टिंग होती है दोनों के बीच में दोस्ती हो जाती है प्यार हो जाता है और ये मुझे बाद में पता चला कि जब चाहा तब घर से कोई ना कोई बहाना करके इसी से आके मुलाकात करता था और यह बात उसको पता नहीं थी
कांस्टेबल ने ही पिटवा दिया अपने थाना इंचार्ज को:
पूरी तरह से हालांकि वो शक करती थी कि अचानक से घर से गायब हो जाते हैं क्या बात है समझ में नहीं आती लेकिन 1 अगस्त 2024 को अचानक ही रकाबगंज थाने में हंगामा हो जाता है हंगामा दो लोगों के बीच में होता है इसी इंचार्ज यानी कि शैली नागर और मुंशी एक हेड मोर होता है उसके बीच में हंगामा कुछ इस तरह से होता है दोनों के बीच में कहासुनी हो जाती है कहासुनी मारपीट तक की नौबत आ जाती है लेकिन बाकी लोग शांत कर देते हैं मामले को कहते हैं कि जो इंस्पेक्टर है महिला इंस्पेक्टर अपने ही साथियों के प्रति उनका व्यवहार अच्छा नहीं होता है इसलिए कुछ लोग उनसे कटने लगते हैं दूर रहने लगते हैं अधिकारी आते हैं और इस मुंशी और इंस्पेक्टर के बीच में विवाद हुआ था उसे शांत करने के लिए हालांकि किसी का कोई ट्रांसफर कोई तबादला नहीं किया और ये मामला कहीं ना कहीं ठंडे बस्ते में चला जाता है
थाना इंचार्ज की बदसलुकी खुद पर पड़ गई महंगी :
लेकिन इसी थाने से कोई एक सिपाही कहीं से नंबर प्राप्त करके गीता नागर को फोन करके कहता है कि तुम्हारा जो पति है वो ट्रांसफर कराने के लिए लखनऊ या इलाहाबाद नहीं घूम रहा है बल्कि वो आगरा के रकाबगंज थाने में जो महिला इंस्पेक्टर है जो यहां की इंचार्ज हैं उनके साथ रंगरेलियां मना रहा है तुम्हें अपने पति की फिक्र है कि नहीं है जैसे ही गीता नगर ने यह बात सुनी यह कहानी सुनी वो आग बबूला हो जाती है अपने भैया को कहती है भैया का नाम ज्वाला नागर होता है भैया जितनी जल्दी हो सके चलना है 2 अगस्त 2024 को वो प्लान बनाते हैं और प्लान के तहत वो अपने घर से निकलते हैं
पूरे परिवार को लेकर पीटने आई थी पत्नी :
साथ में ज्वाला नागर अपनी पत्नी यानी कि सोनिया जो कि गीता की भाभी होती है सोनिया नागर को भी साथ ले लेते हैं अब उनका एक बेटा है जिस बेटे का नाम अधिराज नागर होता है उसको भी साथ ले लेते हैं जिसकी उम्र 14 –15 साल के आसपास होती है साथ ही भतीजा कहता है कि मैं भी आपके साथ चल रहा हूं दिग्विजय नागर वो भी साथ चला जाता है पहले तो जाकर संदे से पूछते हैं कि क्या जो इंचार्ज साहब हैं वो कहां पर हैं तो सरकारी आवास में होते हैं और ऐसा बताया जा रहा था कि दोनों रंगरेलियां बना रहे थे दोनों आपत्ति जनक स्थिति में थे थे या नहीं थे ये तो खैर जांच का विषय है लेकिन ऐसा मीडिया रिपोर्ट कहती है दोनों अंदर थे दरवाजा खटखटाया जा रहा था दरवाजे से निकल नहीं रहे थे गुस्सा ज्यादा बढ़ जाता है दरवाजा तोड़ा जाता है तोड़ने के बाद अंदर जाते हैं और जिस स्थिति में शायद उन्होंने देखा इसलिए वो आग बबूला हो जाते हैं और गुस्सा इस कदर बढ़ जाता है कि दोनों को बाहर खींचते हुए निकाल के लेकर आते हैं
पिटाई के साथ तोड़ दिया हाथ:
और इतना पीटते हैं कि उसके पीटने की गूंज पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में उस वीडियो के माध्यम से फैल जाती है कि एक महिला इंस्पेक्टर एक पुरुष इंस्पेक्टर के साथ इन दोनों रंगरेलियां बना रहे थे परिवार के लोग मौके पर आ जाते हैं गुस्सा इतना बढ़ जाता है कि दोनों को इतना पीटते हैं इतना पीटते हैं कि महिला इंस्पेक्टर के हाथ में फैक्चर भी आ जाता है अब पुलिस वालों तक बात पहुंच जाती है पुलिस वालों को बड़ा अजीब लगता है कि थाने के अंदर किसी अधिकारी को पीटना यह वाकई में बहुत बड़ी बात हो जाती है इसलिए अब पुलिस ने इसकी जांच पड़ताल शुरू की साथ ही डीसीपी सूरज राय इस मामले की जांच पड़ताल करने के लिए मौके पर थाने पर पहुंच जाते हैं पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गोड़ उन्हें भी बड़ा अजीब लगता है
थाने में थाने के इंचार्ज को पीटना कितनी बड़ी बात है :
कि उनके इस सर्किल में उनके इस इलाके में इस तरह से पुलिस वाले पिट रहे हैं कितनी अजीब बात है इस मामले की जांच पड़ताल जब शुरू करी जाती है तो पता चलता है कि थाने के अंदर दो सिपाही होते हैं मुख्य आरक्षी होते हैं एक का नाम विशाल होता है दूसरे का नाम हरिकेश होता है दोनों ही वीडियो बनाने में मशगूल थे उन्होंने इस महिला इंस्पेक्टर को बचाने में पूरी कोई दिलचस्पी नहीं ली उसको सिर्फ पिटता हुआ देख रहे थे तमाशा देख रहे थे वीडियो बनाया और वायरल कर दिया जैसे वीडियो वायरल होता है ना केवल उत्तर प्रदेश पुलिस की फजीहत होती है बल्कि एक महिला इंस्पेक्टर जो होता है उसका चरित्र हनन भी होता है और उसके जो आइडेंटिटी थी उसकी जो एक पहचान थी वो भी डिस्क्लोज हो जाती है
वीडियो बनाने की सजा क्यों मिली सिपाही को :
यह अफसोस की बात थी इसलिए उच्च अधिकारीयों ने इन दोनों को सस्पेंड कर दिया और जांच पड़ताल की तो जांच पड़ताल करने के बाद पता चलता है कि दरोगा सुनील लांबा दरोगा देवेंद्र मुख्य आरक्षी रेखा सिपाही अंकित साथ ही पीआरबी में तैनात गिरीश ड्राइवर जो उसका पीआरबी का होता है राजेंद्र यह छह लोग होते हैं इनके खिलाफ विभागीय कारवाही होती है और इनको पुलिस में लाइन हाजिर कर दिया जाता है इनकी भी लापरवाही सामने आती है साथ ही एक होम गार्ड होता है वो भी शायद चश्मदीद था वो भी मौके पर था उसने भी कोई प्रयास नहीं किया इसलिए उसकी जो रिपोर्ट थी वो कमांडेंट को भेज दी जाती है ताकि उसके खिलाफ भी उच्च स्तरीय कारवाही हो सके अभी इस मामले की जांच पड़ताल चल रही है पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गोड़ यह बताते हैं कि बाकी अफसोस जनक घटना है
मजा की सजा सस्पेंड होकर पड़ी चुकानी :
इसमें महिला इंस्पेक्टर की तरफ से तहरीर भी ले ली गई है एक एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है और जो एफआईआर है जो पुरुष उसका प्रेमी उसके परिवार के खिलाफ जिन्होंने मारपीट की है उसमें चाहे उसकी पत्नी हो उसका साला हो या साले की पत्नी हो बेटा क्योंकि नवालिक है इसलिए उसके खिलाफ नहीं और जो मार के पीट के भाग चुके हैं उनको भी तलाश करने की कोशिश की जा रही है ताकि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए जितने लोगों ने भी मारपीट की है उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा जाएगा और ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि थाने में वो इंचार्ज को पीट रहे हैं और उन्हें बिना पीटे वो जेल भेज दें हालांकि जो बच्चा था वो छोटा था उसका कोई रोल भी नहीं था वो चुपचाप भी खड़ा था इसलिए उसको परिवार के सुपुर्द कर दिया जाता है अब इस महिला का मेडिकल कराया जाता है तो जो इंस्पेक्टर होती हैं तो पता चलता है कि इनके हाथ में फैक्चर हो चुका है क्योंकि हाथ को पकड़ा ही इतनी जोर से था इतने जोर से मरोड़ा था और मारपीट भी कुछ उनके साथ ज्यादा ही होती है साथ ही इस महिला जो इंस्पेक्टर होती हैं क्योंकि उनके कृत्य कोई बहुत ज्यादा अच्छे तो थे नहीं इसलिए विभाग की कारवाही होने के साथ-साथ इनको सस्पेंड कर दिया जाता है और इनके के ऊपर जांच बैठा दी जाती है साथ ही जो इनके साथ आपत्तिजनक स्थिति यानी कि जो इनके साथ थे कमरे में मौजूद होते हैं पवन कुमार जिनकी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के विजिलेंस में उनकी पोस्टिंग होती है उनके खिलाफ भी शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है
किस किस को क्या पड़ा चुकाना :
ताकि उनके खिलाफ भी उच स्तरीय कारवाई हो सके और उचित कदम उठाए जा सकें लेकिन सोशल मीडिया पर जैसे ही यह कहानी वायरल होने लगती है तो महिला इंस्पेक्टर जिनका नाम शैली राणा होता है उनकी एक दो पोस्ट थी जो और खूबसूरत होने के साथ-साथ वो सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना चाहती हैं इसलिए शायद उन्होंने वीडियो बनाया होगा वो वीडियो साथ-साथ वायरल होने लगता है और यह वीडियो एक साथ होते हैं पिटाई का वीडियो साथ ही वो गाना गाने का वीडियो और एक और फोटो होता है जिसमें पूरी वर्दी पहनी हुई है और पीछे थाने का नाम लिखा हुआ है और कौन-कौन इस थाने में इंचार्ज रहा है उनका भी नाम लिखा हुआ है इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की बेइंतहा फजीहत हुई है साथ ही उस महिला इंस्पेक्टर की और साथ ही उस पवन कुमार इंस्पेक्टर की भी खूब फजीहत हुई है दोस्तों इस पूरे घटना क्रम को बताने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है किसी का दिल दुखाना नहीं है बल्कि आपको जागरूक करना है आपको सचेत करना है और आपको बताना जताना है कि खासकर पुलिस वाले जिन पर जिम्मेदारियां होती हैं
क्या था मामले का अंत:
उनको तो शायद इस तरह के कदम नहीं उठाने चाहिए जो दूसरों की सेवा में लगे रहते हैं जो की समाज को सुधारने की बात करते हैं जो कि न्याय की बात करते हैं न्याय दिलाने की बात करते हैं और वही अगर इस तरह के गंदे घिनौने कृत्य करेंगे तो फिर आखिरकार कोई पीड़ित व्यक्ति किसके पास जाकर इंसाफ की गुहार लगाएगा इसलिए वाकई गलत हुआ है और हम इस माध्यम से प्रदेश सरकार से यह अपील करेंगे कि इनके खिलाफ उचित कारवाई भी होनी चाहिए साथ ही कोई भी कदम उठाने से पहले सोचना चाहिए जिस तरह से जो दो पुलिस वाले होते हैं जिनकी जिम्मेदारी बनती थी कि इस लड़ाई को रोकना चाहिए था बीच बचाव करना चाहिए था वोह वीडियो बनाकर खुद ही वायरल कर रहे थे हालांकि वो शायद मुंशी के कहीं ना कहीं पक्षधर रहे होंगे इसलिए मुंशी का और इंस्पेक्टर का झगड़ा हुआ था इसलिए इंस्पेक्टर का साथ ना देकर वो मुंशी के खैम में चले जा जाते हैं और शायद इसका उन्हें प्रसाद भी मिल जाता है वो सस्पेंड भी हो जाते हैं आप सब लोग अपना ख्याल रखें सुरक्षित रहे